दोस्तो आज का युग प्रोफेशनल युग है और हर कोई एक दौड़ में है सबसे आगे निकल जाने की| इस दौड़ में सबको सिर्फ इस बात की चिंता है की हम कहीं पीछे न रह जाएँ और जो कोई इस दौड़ में नहीं है, उसका दुनिया सम्मान नहीं करती. जी हाँ हम आज बात करेंगे एक बहुत ही विशेष परन्तु उतना ही असम्मानित कार्य जिसको की घरेलु महिला या हाउस वाइफ कहा जाता है|
घर का आधार, वर्ना बंटाधार
यदि हम सिर्फ 10 – 20 साल पीछे जाएँ तो हम पाएंगे की इस्त्रियाँ बहुत कम ही घर से बाहर निकलती थीं और उनका मुख्य कार्य घर को संभालना था परन्तु आजकल इस्त्रीयाँ हर क्षेत्र में आगे जा रही हैं जोकि एक अच्छी बात है. परन्तु इसमें कुछ भूल रहे हैं हम सब. हम भूल रहे हैं की पिछले ज़माने में ये एक रोल डिवीज़न मात्र था ना की इस्त्रीयों को किसी से कम करके आँका जाता था | हमारे यहाँ पुरुषों से अधिक महिला देवीं जी को ज्यादा पूजा जाता था |
परन्तु कुछ समय पश्चात् समाज में परिवर्तन हुआ और इस्त्रीयों की दशा बिगडती गई और उसको ठीक करने के लिए फिर से परिवर्तन हुआ|
इस दौरान एक बुरी बात ये हुई की दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पेशे को नज़रंदाज़ किया जाने लगा| एक होम मकर या हाउस वाइफ को कम समझा जाने लगा और सिर्फ जो इस्त्री सिर्फ बाहर जाके कुछ नौकरी इत्यादि करती थी उसको ज्यादा सम्मान मिलने लगा|
दोस्तो हम उस बात से कोई आप्पति नहीं है परन्तु हमें आप्पति है इस बात से की जो काम दुनिया का सबसे मुश्किल और मह्हताव्पूरन है उसे ही हीन समझा जाता है|
सो बहनों अगर आप होम मेकर्स हो तो गर्व से ऐसे कहो, आपकी महिमा उस बहनों से कहीं अधिक है जो खुद को प्रोफेशनल्स कहती है क्युकी जो आप करती हो वो जीवन का आधार है|
काम से ही नहीं पहचान
इस्त्रीयाँ चाहे अंतरिक्ष में हो यो या बहुत बड़े ओहदे पे पहुँच जाएँ परन्तु घर परिवार के बिना सब अधुरा है और इस बात को कोई सुनने य मानने को तैयार नहीं परन्तु उस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, सचाई तो सचाई है और उसको कोई आंच नहीं|
होम मकर नेचर का ही एक रूप है और जैसे प्रकृति माँ हमें स्वयं अदृश्य रहकर सब कुछ प्रदान करती है और उसकी ही बदौलत हम ज़िन्दगी जीते हैं, उसी प्रकार के हाउस वाइफ पूरे घर का आधार होती है|
तमाम उम्र घर के सब काम करना, सबके साथ एडजस्ट करना दफ्तर या बहार जाके काम करने से कहीं मुश्किल काम है और हम इस जज्बे को सलाम करते हैं |
कुछ पंक्तियां होम मेकर्स के नाम:
तुम शक्ति हो, तुम दुर्गा हो, तुम हो काली का रूप
हमेशा बिना थके तुम काम करती हो छाँव या धूप
इक पल के लिए भी शिकन तुम्हारे माथे पे नहीं आती
कर जाती हो सब काम तुम, यूँ ही मुस्काती गुनगुनाती
कहाँ से लाती हो ये शक्ति ये तो सिर्फ कुदरत का है कमाल
सदियों से ये रहस्य छुपा रखा है ये तो इश्वर की है चाल
बाकी नारियों का भी सम्मान हो उसमें कुछ नहीं है बुराई
परन्तु इस बात को गाँठ बाँध लो, सुन लो ओ मेरे भाई
सबसे ऊपर अगर कोई है, एक हाउस वाइफ बिना कोई डाउट
बाकि कुछ रहे न रहे परन्तु बिना इसके सब दुनिया है आउट
अपने रोल को पहचानो, न रहो किसी से तुम पीछे सदा रखना याद
इस कायनात को पाना है तुम्हारा हक सो इसलिए न करो फ़रियाद