लाख दलदल हो गम नहीं पाँव जमाये रखिये
हाथ खाली ही सही ऊपर उठाये रखिये
बिना फिकर के हौसला बुलंद बनाये रखिये
अपने कर्म की गति को आगे चलाये रखिये
डूब कर ही समंदर में मिलेगा तुमको किनारा
गोते लगाते हुए भी हिम्मत को बंधाये रखिये
लाख करे कोशिश ये दुनिया तुम्हे झुकाने की
अपनी रीठ को सीधा और सहज बनाये रखिये
मत दुत्कारना कभी किसी गरीब को किसी वक़्त
वक़्त बदल भी जाये तो उसूल टिकाये रखिये
बन सको तो प्रेरणा बनो किसी के जीवन की
जितना हो सके आशा का दीप जलाये रखिये
कौन कहता है छलनी में पानी नहीं रुक सकता
बस पानी बर्फ बनने तक हिम्मत बनाये रखिये